चमेली के फूल की पूरी जानकारी -All About Jasmine flower

Chameli Ka Phool

Recently updated on December 20th, 2023 at 05:35 pm

chameli ka phool चमेली का फूल काफी खूबसूरत होने के साथ इसकी खुशबू काफी सुगंधित होती है | इसके इस सुगन्ध के कारण इसे रात की रानी भी कहते है|  इसे लोग  Jasmine   के नाम से ज्यादा जानते हैं  यह  बहुत ही खूबसूरत फूल होता है इसकी सुगंध हर किसी को आकर्षित करती है |  चमेली के  फूल के खुशबू के कारण इसका इस्तेमाल सुगंधित पदार्थों को बनाने के लिए भी किया जाता है, साथ ही  इसमें काफी मात्रा में औषधीय गुण भी पाए जाते जिससे इसका प्रयोग औषधियों  में किया जाता है चमेली के फूल के बारे में हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको चमेली और chameli ka phool से जुड़े हुए सारी रोचक जानकारियां जैसे   इसमें फूल कब आता है इसे कटिंग से कैसे आसानी से लगा सकते हैं इसकी देखभाल आप कैसे कर सकते | 

Table of Contents

चमेली फूल की पहचान

चमेली के फूल की पहचान करना आमतौर पर इसकी विशेषताओं के आधार पर की जा सकती है। चमेली के फूल आमतौर पर जैस्मिन की प्रजातियों के अंतर्गत आते हैं, और इनकी कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  1. फूलों का रंग: चमेली के फूल आमतौर पर सफेद रंग के होते हैं। कुछ प्रजातियों में गुलाबी या पीले रंग के फूल भी हो सकते हैं।
  2. सुगंध: चमेली के फूलों की एक विशिष्ट और मजबूत सुगंध होती है, जो काफी मीठी और मनमोहक होती है।
  3. आकार और आकृति: चमेली के फूल आमतौर पर छोटे और साधारण होते हैं, अक्सर पांच पंखुड़ियों वाले होते हैं।
  4. खिलने का समय: चमेली के फूल विशेष रूप से गर्मियों या वसंत के मौसम में खिलते हैं, हालांकि कुछ प्रजातियां वर्ष भर खिल सकती हैं।
  5. पत्ते: चमेली के पौधे में हरे रंग के पत्ते होते हैं, जो आमतौर पर चमकदार और साधारण होते हैं।

चमेली के फूल उनकी खास सुगंध और सुंदर सफेद पंखुड़ियों के कारण आसानी से पहचाने जा सकते हैं। इनका उपयोग पारंपरिक समारोहों, इत्र निर्माण, और चाय में भी किया जाता है।

चमेली का वानस्पतिक नाम (Jasmine Botanical Name)

चमेली का वानस्पतिक नाम “Jasminum” है, जो इसकी जेनस या वंश को दर्शाता है। “Jasminum” ओलिएसी (Oleaceae) परिवार का हिस्सा है, जिसमें जैस्मिन की विभिन्न प्रजातियाँ आती हैं। उदाहरण के लिए, जैस्मिन की कुछ लोकप्रिय प्रजातियों में Jasminum officinale (कॉमन जैस्मिन), Jasminum grandiflorum (रॉयल जैस्मिन), और Jasminum sambac (अरेबियन जैस्मिन या मोगरा) शामिल हैं।

प्रत्येक प्रजाति का अपना अलग वानस्पतिक नाम होता है और इसे अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों, फूलों के रंग, आकार, और सुगंध के आधार पर पहचाना जाता है।

चमेली फूल (chameli ka phool) का उपयोग

चमेली के फूल को घर में लगाने से पहले अगर हम उसके उपयोग को सही तरीके से जान ले तो इसे लगाना ज्यादा फ़ायदेमंद होगा  चमेली का पौधा घर में बहुत आसानी से हम लगा सकते हैं तो चलिए हम जानते हैं कि चमेली फूल का उपयोग हम कहां कहां पर करते हैं

  1. chameli ka phool चाय बनाने में भी उपयोग किया जाता है ऐसा माना जाता है कि कुछ लोग को अनिद्रा की शिकायत होती है उस तरह के लोग चमेली फूल का प्रयोग चाय बनाने के लिए भी करते हैं इससे उन को अच्छी नींद भी आती है
  2.   चमेली फूल का उपयोग हर्बल से जुड़ी हुई या ऑर्गेनिक से जुड़ी हुई औषधियों में काफी मात्रा में किया जाता है
  3.  हिंदू धर्म के अनुसार चमेली फूल का उपयोग पूजा में किया जाता  है
  4.  अगर हम साउथ इंडिया की बात करें तो ज्यादातर वहां महिलाएँ बालों में गजरा लगाने का काम करती हैं मुख्यतः गजरा में जो फूल यूज़ होता है उसमें सबसे ज्यादा चमेली फूल का ही प्रयोग किया जाता है
  5. chameli ka phool इत्र और सुगंधित पदार्थों को बनाने में ज्यादातर हम चमेली का उपयोग करते हैं | 
  6. चमेली का उपयोग सजावट में भी किया जाता है | 
  7. जैस्मिन तेल का इस्तेमाल आप कई तरीकों से कर सकते हैं इसका इस्तेमाल मसाज करने वेपराइजर में और बाथिंग से रिलेटेड प्रोडक्ट जो बनते हैं उसमें हम चमेली का तेल का प्रयोग करते हैं
  8. चमेली के तेल का प्रयोग आप एयर डिफ्यूजर में भी देख सकते हैं बहुत बड़ी बड़ी कंपनियां अपना एयर डिफ्यूजर में चमेली का तेल और चमेली के परफ्यूम का यूज करती है

 

Jasmine flower Tea
Jasmine flower Tea

चमेली के फूल का महत्व (Importance Of Jasmine Flower)

चमेली के फूल का महत्व विभिन्न क्षेत्रों में देखा जा सकता है और इसकी विशेषताएं इसे बहुत उपयोगी और महत्वपूर्ण बनाती हैं:

  1. सांस्कृतिक महत्व: चमेली के फूल का भारतीय और अन्य एशियाई संस्कृतियों में गहरा महत्व है। यह धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा और त्योहारों में इस्तेमाल किया जाता है। महिलाएं अक्सर इसे अपने बालों में सजाती हैं, जो श्रृंगार का एक हिस्सा माना जाता है।
  2. इत्र उद्योग: चमेली की सुगंध इत्र उद्योग में बहुत मूल्यवान है। इसका तेल विभिन्न प्रकार के परफ्यूम्स और सुगंधित उत्पादों में उपयोग होता है।
  3. चिकित्सीय गुण: चमेली के फूलों में चिकित्सीय गुण होते हैं। इसका उपयोग आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में तनाव कम करने, आराम पहुंचाने और मूड को सुधारने के लिए किया जाता है।
  4. सजावटी उपयोग: चमेली के फूल उनकी सुंदरता के कारण घरों, होटलों, और विभिन्न समारोहों में सजावट के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
  5. चाय और खाद्य प्रयोग: कुछ प्रकार के चमेली के फूलों का उपयोग चाय में फ्लेवरिंग एजेंट के रूप में होता है, जैसे कि चमेली की चाय, जो चीन में बहुत लोकप्रिय है।
  6. धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व: कई धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं में चमेली के फूलों का उपयोग पूजा और ध्यान के दौरान किया जाता है, जिससे शांति और सकारात्मकता का वातावरण बनता है।

इस प्रकार, चमेली के फूल न केवल अपनी खूबसूरती और सुगंध के लिए, बल्कि अपने व्यापक उपयोग और महत्व के कारण भी बहुत सराहे जाते हैं।

चमेली का पौधा घर पर कैसे लगाएं

चमेली का पौधा आप बहुत आसानी से पौधे को कटिंग के माध्यम से लगा सकते है  चमेली पौधे लगाने का यह सबसे अच्छा तरीका है   इसके  लगाने के लिए इस तरह के कलम  चुनाव करें जिसमें अभी नाजुक पत्तियां आई है, और उसकी कलम नाजुक हो इस तरह से चार पांच कलम काट कर आप आराम से चमेली का पौधा उगा  सकते है | 

चमेली को कटिंग से कैसे लगाते हैं

  1. कलम को काटने से पहले सबसे पहले यह ध्यान दें कि आप सही कलम का चुनाव करें जैसा कि मैंने ऊपर ही आपको बताया कि आप ऐसे कलम का चुनाव करें जिसमें अभी नाजुक चार या पांच पत्तियां आई हुई है और वह टहनी भी अभी सख्त ना हुई हो | 
  2. कलम काटने से पहले आप इस बात को ध्यान में रखें, कि आप जिस भी चाकू से या किसी के माध्यम से कलम को काट रहे हैं उसे अच्छी तरह से सैनिटाइज कर ले उसके बाद ही आप कलम को कांटे | 
  3. कलम काटते समय इस बात को अच्छी तरह से ध्यान देते हुए काटे की कलम को राउंड नहीं काटना है इसे 45 डिग्री के एंगल पर काटे और इस बात का ध्यान रखें की पूरी सफाई से उसे काटा जाए | 
  4. काटते समय इस बात का और अच्छी तरह से ध्यान दें कि उसकी ऊंचाई 4 से 6 इंच अर्थात 10 से 15 सेंटीमीटर का भाग ही काटे और अगर आपके पास  प्रूनिंग टूल्स  है  तो उसी का इस्तेमाल करें काटते समय यह भी ध्यान दें कि जहां पर भी एक नीचे की पत्ती दिख रही है उसी के जस्ट नीचे ही कट करे | 
  5. कटिंग काटने के बाद आप नीचे की सारी पतियों को तने से हटा दें और कलम की ऊपर की पत्तियों को उसी तरह रहने दे | 
  6. कलम कटिंग के समय अगर कोई फूल भी उस कलम पर हो तो कोशिश करें कि कलम लगे हुए फूल  तोड़ दे | 
  7. जितने भी कलम को आप ने काटा है उसे कोशिश करें कि 5 से 10 मिनट पानी में डूबा कर रहने दे जिससे उसकी हरियाली बनी रहेगी | 

 चलिए अब हम आगे जानते हैं की कटिंग को किस पॉटिंग सॉइल में लगाना है और उसे हमें किस तरह से तैयार कर सकते है 

 

 चमेली फूल (chameli ka phool) को लगाने के लिए मिट्टी को कैसे तैयार करें

  • chameli ka phool को लगाने के लिए जिस तरह की मिट्टी की जरूरत होती है उसे आप बहुत आसानी से अपने घर में बना सकते हैं आप जिस भी मिट्टी का चुनाव करते हैं बस इस बात का ध्यान दे उसमें बड़े स्टोन या कंकड़ पत्थर ज्यादा ना हो अर्थात आप गार्डन सॉइल का प्रयोग करे इसे 5 0 % के रेश्यो में ले | 
  •  उस गार्डन सॉइल में हम  25 प्रतिशत रेत  मिला दे उसके बाद जो और 25 प्रतिशत हिस्सा बचता है उसमें हम कोको पीट, बोन मील पेरी लाइट और वर्मी कंपोस्ट, नीम खली को साथ में मिलाकर आप चमेली के लिए अच्छा पॉटिंग मिक्स बना सकते हैं
  •  चमेली फूल (chameli ka phool) के लिए 8 से 10 इंच का गमला ले  और इस बात का ध्यान रखें कि गमले के नीचे होल बना हो जिससे ज्यादा पानी होने से पानी आसानी से गमले से बाहर निकल जाए
  •  अब इस साइल में  चार या पांच चमेली के कलम को लगा देंगे अब उसमें थोड़ा पानी डालेंगे और उसे हम 8 से 10 दिन  छांव में रखे जब कुछ कलियाँ खिल जाये तो उसे धुप में रखे पर यह ध्यान रखे की डायरेक्ट सनलाइट में न रखे | 

चमेली के फूल को लगाने के बाद हम इसकी देखभाल कैसे करें

  1. चमेली फूल (chameli ka phool) को जब कटिंग के माध्यम से आप लगाते हैं तो इस बात का हमेशा ध्यान दें कि उसे आप डायरेक्ट पानी ना दें उसे किसी स्प्रे बोतल या स्प्रिंकल बोतल के थ्रू ही पानी दे  
  2.  कोशिश करें कि चमेली के फूल की कटिंग को आप सेल्फ वाटरिंग पोट में लगाएं ऐसा करने से पौधे अपने अनुसार पानी को ले सकेंगे  जिससे ज्यादा पानी से जड़े भी खराब नहीं हो पाएगी
  3.  चमेली के फूल को जब आप कलम से लगाते हैं और अगर उसमें कुछ कलियां खिल जाती है तो आप उसके बाद उसे धूप में रखना शुरु कर सकता है
  4.  जब कलम से चमेली का पौधा बड़ा हो जाए तो आप इस बात का ध्यान रखें कि उसे दूसरे गमले में 12 से 14 इंच के गमले में भी ट्रांसफर कर सकते हैं | 

चमेली के पौधे की देखभाल कैसे करें

अगर आपके घर पर चमेली का पौधा लगा हुआ है और आप उसे सही देखभाल नहीं कर पा रहे हैं तो यह आर्टिकल आपको यह बताएगा कि आप चमेली के पौधे की देखभाल कैसे करें चमेली पौधे की देखभाल हम आपको चमेली की मिट्टी चमेली में पानी कैसे दें चमेली को धूप में रखें कितनी देर चमेली की कटिंग जरूरी है या नहीं चमेली की मिट्टी जिसमें वह लगा हुआ है उसकी गुड़ाई अब कितने दिन में करें इन्हीं सब बातों को हम विस्तार से बताएंगे

1   मिट्टी

चमेली के लिए मिट्टी का चुनाव काफी ही सिर दर्द वाला काम लगता है लेकिन आपको हम बता दें कि चमेली के लिए किसी खास मिट्टी की जरूरत नहीं होती है आप गार्डन मिट्टी को लेकर अगर उसके अंदर कुछ परसेंटेज आप कोकोपीट वर्मी कंपोस्ट नीम खली पैरेलाइट को मिलाकर अगर आप एक सॉइल बनाते हैं तो आपको चमेली के ग्रोथ में कोई भी दिक्कत नहीं आएगी

2    पानी

चमेली के पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है जैसा आपने देखा होगा कि चमेली का पौधा कहीं भी बहुत आसानी से लगाए लग जाता है तो आप इस बात का ध्यान रखें कि आप चमेली में ज्यादा पानी ना डालें बस इतना ही पानी डाले कि उस मिट्टी में नमी बरकरार हो और हमेशा यह कोशिश करें कि किसी भी पौधे में अगर अब पानी डाल रहे हैं  स्प्रे के थ्रू ही चमेली के पौधे में पानी डालें

3  धूप 

चमेली के पौधे को धूप की ज्यादा जरूरत होती है लेकिन इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि चमेली के पौधे को कभी भी डायरेक्ट सनलाइट में ना रखें ऐसा करने से उनकी पत्तियां जल जाएगी तो इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि इस पौधे को धूप की जरूरत होती है  पर डायरेक्शन लाइट पर ना रखें कोशिश करें कि जहां भी इसे रख रहे हैं ऊपर में एक साइड बना दे या वैसे जगह का चुनाव करें जहां पर डायरेक्शन लाइट ना आता हो |

फर्टिलाइजर का प्रयोग

चमेली के पौधे में किसी खास तरह के फर्टिलाइजर की जरूरत नहीं होती है लेकिन अगर उस में फूल नहीं खिल रहे हैं तो आप कोशिश यह करें कि उसमें NPK या वर्मी कंपोस्ट या फिर आप उसी तरह के किसी भी ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग कर सकते हैं जो पौधे के ग्रोथ में सहयोग देता हो इस तरह के बहुत से फर्टिलाइजर आपको ऑनलाइन भी मिल जायेंगे या लोकल नर्सरी में अगर आप जाते हैं तो आप उन्हें ऑल पर्पस खाद मांग सकते हैं इस तरह के खाद चमेली के साथ साथ किसी भी पौधे में कॉमन तरीके से डाला जा सकता है जिस भी पौधे का ग्रोथ और फूल सही तरीके से ना आ रहे हो

5    गुड़ाई 

चमेली के पौधे को जिस भी गमले में लगाते है उसमें कोशिश यह करें कि 1 महीने में एक बार उसकी मिट्टी की गुड़ाई करे मिट्टी के गुड़ाई इसलिए भी जरूरी है कि हम मिट्टी को थोड़ी हल्की रख पाए जिससे हमारा न्यूट्रिशन वैल्यू सही से पौधे को न्यूट्रिशन दे सके साथ ही साथ जब भी आप गुड़ाई कर रहे हैं तो थोड़ा सा खाद का प्रयोग कर ले जैसे वर्मी कंपोस्ट सबसे अच्छा माना जाता है

किट पतगो  से देखभाल 

चमेली के पौधे में अगर किसी भी प्रकार के कीट पतंगों का असर दिख रहा है तो आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है 10 या 15 दिन के अंतराल पर उसमें आप नीम खली को लिक्विड फॉर्म में कन्वर्ट करके अपने पेड़ में छिड़काव करे इस तरीके से आप कीटो के प्रकोप को कम कर सकते है  आपको इसका लिक्विड कैसे बनाना है तो आप नीम खली को किसी भी बर्तन में लेकर उसे रात भर पानी में भिगोकर रखें  अब 1 लीटर पानी में 20ml नीम खली का वह पानी मिला दे जो रात भर आप ने भिगाया है और इसे चमेली के फूल में इसका स्प्रे करें जिससे यह आसानी से कीट पतंगों की समस्याओं से निजात मिल जाएगा |

चमेली फूल के प्रकार (Types Of Jasmine Flowers)

चमेली फूल, जिन्हें हिंदी में चमेली कहते हैं, एक प्रकार के गुलाबी, सफेद या पीले रंग के सुंदर फूल होते हैं। ये फूल अपनी मधुर और मनोहारी खुशबू के लिए प्रसिद्ध हैं। चमेली फूल कई प्रकार की होती हैं, जैसे कि जैस्मिनम, बेला, मोगरा, मालती, पारीजात, गुलाबी जैस्मिन, आदि। इन सभी प्रकार के चमेली फूलों की अपनी विशेषताएं होती हैं और इन्हें उपयोग में लाया जाता है। चमेली फूल हमारे जीवन में सुंदरता, सुख, शांति और शुभता का प्रतीक हैं।

1. एंजल विंग जैस्मिन (Angel Wing Jasmine)

एंजेल विंग जैस्मीन एक सदाबहार पौधा होता  है जिसमें मीठी खुशबू वाले बड़े, बर्फ के ऐसे सफ़ेद आकार के फूल होते हैं। इसके कलियां बैंगनी रंग की होती हैं और फूलों की पंखुड़ियों पर लाल-बैंगनी रंग बरकरार रहता है। यह फूल देर वसंत से लेकर गर्मियों के दौरान रात में खिलते हैं। यह बेल तेजी से बढ़ती है और यह हर साल 12 से 24 इंच तक बढ़ती है, अंततः 10 से 15 फीट की ऊंचाई तक पहुंचती है।

2. अरेबियन जैस्मिन (Arabian Jasmine):

अरेबियन जैस्मिन एक सदाबहार फूलों वाली झाड़ी है जो मूल रूप से दक्षिण और दक्षिणपूर्वी एशिया की है। यह अपने सुगंधित, सफेद फूलों के लिए प्रसिद्ध है जो रात में खिलते हैं और सुबह तक महकते रहते हैं। इसका उपयोग चाय, इत्र, और मालाओं में किया जाता है।

अरेबियन जैस्मिन की विशेषताएं:

विशेषता विवरण
वैज्ञानिक नाम Jasminum sambac
प्रकार सदाबहार झाड़ी
फूलों का रंग सफेद
खिलने का समय रात में
उपयोग चाय, इत्र, माला
उत्पत्ति का क्षेत्र दक्षिण और दक्षिणपूर्वी एशिया

भारत में, अरेबियन जैस्मिन को आमतौर पर “मोगरा” के नाम से जाना जाता है। मोगरा भारतीय संस्कृति में बहुत लोकप्रिय है, खासकर इसकी खूबसूरती और मनमोहक सुगंध के कारण। इसका उपयोग धार्मिक और सांस्कृतिक समारोहों में, साथ ही सजावट और व्यक्तिगत उपयोग में भी किया जाता है।

3. कॉमन जैस्मिन (Common Jasmine)

कॉमन जैस्मिन, जिसे वैज्ञानिक नाम Jasminum officinale से जाना जाता है, एक लोकप्रिय पौधा है जो अपने सुंदर और सुगंधित फूलों के लिए प्रसिद्ध है। यह मूल रूप से हिमालय क्षेत्र का है और इसे अक्सर बगीचों और पार्कों में लगाया जाता है।

कॉमन जैस्मिन की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  1. फूल: इसके फूल सफेद या गुलाबी रंग के होते हैं और इनकी सुगंध बहुत मनमोहक होती है। फूल गर्मी के मौसम में खिलते हैं।
  2. वृद्धि: यह एक तेजी से बढ़ने वाली बेल है, जो सहायक संरचनाओं पर चढ़ सकती है।
  3. पत्ते: इसके पत्ते हरे और पंखुड़ीदार होते हैं।
  4. उपयोग: इसका उपयोग सजावटी उद्देश्यों के लिए, साथ ही इत्र और एरोमाथेरेपी में भी किया जाता है।
  5. खेती: यह धूप और अर्ध-छायादार स्थानों में अच्छी तरह से उगता है।

कॉमन जैस्मिन न केवल अपनी सुंदरता के लिए बल्कि अपनी सुगंध के कारण भी बहुत पसंद किया जाता है। यह बगीचों को एक आकर्षक और सुगंधित वातावरण प्रदान करता है।

4. डाउनी जैस्मिन (Downey Jasmine):

डाउनी जैस्मिन, जिसे वैज्ञानिक नाम Jasminum multiflorum से जाना जाता है, एक लोकप्रिय पौधा है जो अपने आकर्षक फूलों और सुंदर आकृति के लिए प्रसिद्ध है। यह मूलतः भारत और थाईलैंड का है और अक्सर सजावटी उद्देश्यों के लिए उगाया जाता है।

डाउनी जैस्मिन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  1. फूल: इसके फूल सफेद और बहुत आकर्षक होते हैं, जो सर्दी के मौसम में खिलते हैं। फूलों की संख्या आमतौर पर बहुत होती है और वे झुंड में खिलते हैं।
  2. पत्ते: इसके पत्ते हरे और चिकने होते हैं, जिनपर एक मुलायम फर (downy texture) होता है।
  3. वृद्धि: डाउनी जैस्मिन एक बेल के रूप में उगती है और इसे सहारा देने पर यह अच्छी तरह से बढ़ती है।
  4. उपयोग: यह बगीचों और पार्कों में एक सजावटी पौधे के रूप में लोकप्रिय है।
  5. खेती: यह धूप और अर्ध-छायादार स्थानों में अच्छी तरह से उगता है।

डाउनी जैस्मिन की सुंदरता और आकर्षक फूल इसे बगीचों में एक लोकप्रिय पसंद बनाते हैं। इसकी सुंदर आकृति और फूलों की भरमार इसे एक विशेष प्रकार की जैस्मिन बनाती है।

5. ड्वार्फ जैस्मिन (Dwarf Jasmine):

ड्वार्फ जैस्मिन, जिसे आमतौर पर “बौना चमेली” के नाम से भी जाना जाता है, जैस्मिन की छोटी प्रजातियों में से एक है। यह बगीचों में लो प्रोफाइल वाले फूलों के रूप में लोकप्रिय है और आमतौर पर छोटे आकार में ही बढ़ती है।

ड्वार्फ जैस्मिन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  1. आकार: यह जैस्मिन की एक छोटी किस्म होती है, जो बड़ी प्रजातियों की तुलना में कम ऊंचाई तक ही बढ़ती है।
  2. फूल: इसके फूल छोटे, सुगंधित होते हैं और आमतौर पर सफेद रंग के होते हैं। ये फूल वसंत और गर्मी के मौसम में खिलते हैं।
  3. पत्ते: इसमें हरे रंग के छोटे पत्ते होते हैं जो कभी-कभी चमकीले हो सकते हैं।
  4. उपयोग: ड्वार्फ जैस्मिन का उपयोग अक्सर बगीचों में बॉर्डर लाइन बनाने, कंटेनर गार्डनिंग, और छोटे बगीचों में किया जाता है।
  5. खेती: यह सूर्य की रोशनी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है।

ड्वार्फ जैस्मिन का छोटा आकार और सुंदर फूल इसे छोटे बगीचों और सीमित स्थानों के लिए आदर्श बनाते हैं। इसकी सुंदरता और सुगंध इसे एक लोकप्रिय पसंद बनाती है, खासकर शहरी गार्डनिंग में इस फूल का प्रयोग ज्यदा होता है ।

6. फॉरेस्ट जैस्मिन (Forest Jasmine):

फॉरेस्ट जैस्मिन, जिसे वैज्ञानिक नाम Jasminum abyssinicum के नाम से भी जाना जाता है, एक विशेष प्रकार की जैस्मिन है जो मुख्य रूप से जंगली क्षेत्रों में पाई जाती है। यह विभिन्न प्रकार के वन परिवेशों में उगने वाली एक सदाबहार बेल है।

फॉरेस्ट जैस्मिन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  1. फूल: इसके फूल आमतौर पर सफेद रंग के होते हैं और इनमें एक सुखद सुगंध होती है। ये फूल वसंत और गर्मी के मौसम में खिलते हैं।
  2. पत्ते: इसमें गहरे हरे रंग के पत्ते होते हैं, जो चमकीले और घने होते हैं।
  3. वृद्धि: फॉरेस्ट जैस्मिन एक बेल के रूप में बढ़ती है और यह अक्सर वृक्षों और अन्य संरचनाओं पर चढ़ जाती है।
  4. उपयोग: यह प्रजाति मुख्य रूप से अपनी सुंदरता और सुगंध के लिए जानी जाती है, और इसका उपयोग अक्सर प्राकृतिक बागवानी और जंगली क्षेत्रों में किया जाता है।
  5. खेती: यह अधिकतर छायादार और नमी वाले स्थानों में अच्छी तरह से उगती है।

फॉरेस्ट जैस्मिन अपनी अद्वितीय विशेषताओं के कारण प्रकृति प्रेमियों और बागवानों के बीच लोकप्रिय है। यह प्राकृतिक और वन्य बागवानी में एक विशेष स्थान रखती है।

7. इटालियन जैस्मिन (Italian Jasmine):

इटालियन जैस्मिन, जिसे वैज्ञानिक नाम Jasminum humile से जाना जाता है, एक लोकप्रिय जैस्मिन की प्रजाति है जो विशेष रूप से इटली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में पाई जाती है। यह एक सदाबहार या अर्ध-सदाबहार झाड़ी है और अपने सुंदर फूलों के लिए जानी जाती है।

इटालियन जैस्मिन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  1. फूल: इटालियन जैस्मिन के फूल पीले रंग के होते हैं और इनमें एक हल्की सुगंध होती है। ये फूल वसंत और गर्मियों के दौरान खिलते हैं।
  2. पत्ते: इसमें चमकदार हरे रंग के पत्ते होते हैं, जो एक आकर्षक उपस्थिति प्रदान करते हैं।
  3. वृद्धि: इटालियन जैस्मिन एक बेल या झाड़ी के रूप में बढ़ सकती है और इसे सहारा देने पर यह अच्छी तरह से बढ़ती है।
  4. उपयोग: इसका उपयोग सजावटी उद्देश्यों में होता है, और यह बगीचों और पार्कों में इस पौधे काफी लोकप्रिय है।
  5. खेती: यह सूर्य की रोशनी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है।

इटालियन जैस्मिन का उपयोग अक्सर लैंडस्केप डिजाइनिंग में किया जाता है, जहाँ इसके पीले फूल और हरे पत्ते एक खूबसूरत  माहोल को बनाते है |

8. लेमन-सेंटेड जैस्मिन (Lemon-Scented Jasmine):

लेमन-सेंटेड जैस्मिन, जिसे Jasminum nitidum के वैज्ञानिक नाम से भी जाना जाता है, एक खास प्रकार की जैस्मिन है जिसे इसके नींबू के समान सुगंध के लिए जाना जाता है। यह पौधा अपनी खूबसूरत उपस्थिति और अनोखी सुगंध के लिए बागवानी में लोकप्रिय है।

लेमन-सेंटेड जैस्मिन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  1. फूल: इसके फूल सफेद और आकर्षक होते हैं, जो आमतौर पर देर वसंत और गर्मियों के दौरान खिलते हैं। इन फूलों से निकलने वाली सुगंध नींबू जैसी होती है।
  2. पत्ते: इसके पत्ते चमकदार और  हरे रंग के होते हैं, जो काफी घने और सुंदर होते हैं।
  3. वृद्धि: लेमन-सेंटेड जैस्मिन एक बेल या झाड़ी के रूप में बढ़ सकती है। इसे सहारा देने पर यह तेजी से बढ़ती है।
  4. उपयोग: इसका उपयोग बगीचों, पार्कों, और बालकनियों में सजावटी उद्देश्यों के लिए होता है।
  5. खेती: यह सूर्य की रोशनी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है।

लेमन-सेंटेड जैस्मिन की विशेषता इसकी सुगंध है जो इसे अन्य जैस्मिन प्रजातियों से अलग करती है। इसका उपयोग आमतौर पर उन स्थानों पर किया जाता है जहां लोग इसकी सुगंध का आनंद ले सके टेरस गार्डन में इस पौधे का प्रयोगकाफी होता है |

9. पिंक जैस्मिन (Pink Jasmine):

पिंक जैस्मिन, जिसे Jasminum polyanthum के वैज्ञानिक नाम से भी जाना जाता है, एक लोकप्रिय प्रकार की जैस्मिन है जो अपने आकर्षक गुलाबी फूलों के लिए प्रसिद्ध है। यह झाड़ी या बेल के रूप में उगती है और इसकी खूबसूरती के लिए बगीचों और घरों में बहुत पसंद की जाती है।

पिंक जैस्मिन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  1. फूल: इसके फूल गुलाबी रंग के होते हैं जो खिलने पर सफेद में बदल जाते हैं। इन फूलों से एक मजबूत और सुखद सुगंध आती है।
  2. पत्ते: इसमें चमकदार, हरे रंग के पत्ते होते हैं, जो घने और लंबे होते हैं।
  3. वृद्धि: पिंक जैस्मिन एक तेजी से बढ़ने वाली बेल है, जो विभिन्न सतहों पर चढ़ सकती है।
  4. उपयोग: इसका उपयोग बगीचों, बालकनियों, और इंडोर प्लांट के रूप में किया जाता है।
  5. खेती: यह अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी और पर्याप्त सूर्य की रोशनी में अच्छी तरह से उगता है।

पिंक जैस्मिन की खासियत इसके रंगीन फूल और उनसे आने वाली मनमोहक सुगंध है। यह न केवल बगीचे को सुंदर बनाता है, बल्कि इसकी सुगंध से पूरे आसपास का वातावरण भी सुगंधित हो जाता है।

10. प्रिमरोज जैस्मिन (Primrose Jasmine):

प्रिमरोज जैस्मिन, जिसे Jasminum mesnyi के वैज्ञानिक नाम से भी जाना जाता है, एक अनोखी जैस्मिन की प्रजाति है। यह अपने सुंदर पीले फूलों के लिए विख्यात है और बगीचों में एक आकर्षक दिखने वाला पौधा  है।

प्रिमरोज जैस्मिन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  1. फूल: इसके फूल चमकीले पीले रंग के होते हैं, जो बसंत के मौसम में खिलते हैं। ये फूल बड़े और आकर्षक होते हैं, और इनसे कोई खास सुगंध नहीं आती है।
  2. पत्ते: इसमें चमकदार, गहरे हरे रंग के पत्ते होते हैं, जो बेल की खूबसूरती को और बढ़ाते हैं।
  3. वृद्धि: प्रिमरोज जैस्मिन एक बेल के रूप में बढ़ती है, और इसे सहारा देने पर यह तेजी से बढ़ती है।
  4. उपयोग: यह बगीचों में रंगीन विविधता जोड़ने के लिए और हेजेज या बॉर्डर के रूप में उपयोगी होती है।
  5. खेती: यह सूर्य की रोशनी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छी तरह से उगती है।

प्रिमरोज जैस्मिन की खासियत इसके पीले फूल हैं जो वसंत के मौसम में बगीचे को एक विशेष आकर्षण प्रदान करते हैं। इसकी बढ़ती लोकप्रियता इसे बागवानों के बीच एक पसंदीदा पौधा बनाती है।

11. रॉयल जैस्मिन (Royal Jasmine):

रॉयल जैस्मिन, जिसे Jasminum grandiflorum के वैज्ञानिक नाम से जाना जाता है, जैस्मिन की एक प्रमुख प्रजाति है। यह अपने बड़े, आकर्षक और सुगंधित फूलों के लिए जानी जाती है और इसे अक्सर ‘स्पैनिश जैस्मिन’ भी कहा जाता है।

रॉयल जैस्मिन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  1. फूल: इसके फूल बड़े, सफेद और अत्यंत सुगंधित होते हैं। ये फूल गर्मी और शरद ऋतु के मौसम में खिलते हैं।
  2. पत्ते: इसमें हरे रंग के पत्ते होते हैं, जो चमकदार और लम्बी आकार के होते हैं।
  3. वृद्धि: रॉयल जैस्मिन एक बेल या झाड़ी के रूप में बढ़ सकती है। इसे सहारा देने पर यह तेजी से बढ़ती है।
  4. उपयोग: इसका उपयोग सजावटी उद्देश्यों में होता है, और यह इत्र बनाने के लिए भी प्रसिद्ध है।
  5. खेती: यह सूर्य की रोशनी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छी तरह से उगती है।

रॉयल जैस्मिन की खासियत इसके बड़े और सुगंधित फूल हैं जो न केवल बगीचे को सुंदर बनाते हैं बल्कि अपनी मनमोहक सुगंध से आसपास के वातावरण को भी सुखद बनाते हैं। इसका उपयोग इत्र उद्योग में भी व्यापक रूप से किया जाता है।

12. स्टिफ जैस्मिन (Stiff Jasmine):

स्टिफ जैस्मिन, जिसे Jasminum rigidum के वैज्ञानिक नाम से जाना जाता है, एक विशेष प्रकार की जैस्मिन प्रजाति है। यह अपनी कठोर और मजबूत टहनियों के लिए जानी जाती है, जिसके कारण इसे ‘स्टिफ जैस्मिन’ नाम मिला है।

स्टिफ जैस्मिन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  1. फूल: इसके फूल आमतौर पर सफेद रंग के होते हैं, जो छोटे और सुगंधित होते हैं। ये फूल वसंत और गर्मियों के दौरान खिलते हैं।
  2. पत्ते: इसमें साधारण, हरे रंग के पत्ते होते हैं, जो बेल की टहनियों पर बिखरे होते हैं।
  3. वृद्धि: स्टिफ जैस्मिन एक बेल के रूप में बढ़ती है और इसकी टहनियां कठोर और मजबूत होती हैं।
  4. उपयोग: इसका उपयोग बगीचों में सजावट के लिए और बाड़ या ट्रेलिस पर चढ़ाने के लिए होता है।
  5. खेती: यह धूप और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छी तरह से उगती है।

स्टिफ जैस्मिन अपनी मजबूत और कठोर टहनियों के कारण बगीचों में एक दृढ़ संरचना प्रदान करती है और इसके सफेद फूल आसपास के वातावरण को सुगंधित और सुंदर बनाते हैं।

13. वाइल्ड जैस्मिन (Wild Jasmine):

वाइल्ड जैस्मिन, जिसे Jasminum fruticans के वैज्ञानिक नाम से भी जाना जाता है, जैस्मिन की एक प्राकृतिक या जंगली प्रजाति है। यह मुख्य रूप से खुले मैदानों और जंगली क्षेत्रों में पाया जाता है और इसकी उपस्थिति अन्य कृत्रिम रूप से उगाए गए जैस्मिन प्रजातियों से भिन्न होती है।

वाइल्ड जैस्मिन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  1. फूल: इसके फूल आमतौर पर पीले या सफेद रंग के होते हैं, जो छोटे और सुगंधित होते हैं। ये फूल वसंत और गर्मियों के दौरान खिलते हैं।
  2. पत्ते: इसमें चमकदार, हरे रंग के पत्ते होते हैं, जो सरल या तीन से पांच पत्तीय रूप में होते हैं।
  3. वृद्धि: वाइल्ड जैस्मिन आमतौर पर झाड़ी या छोटे पेड़ के रूप में उगती है।
  4. उपयोग: इसका उपयोग मुख्य रूप से प्राकृतिक और जंगली बागवानी में होता है।
  5. खेती: यह अधिकतर प्राकृतिक वातावरण में उगती है और इसे विशेष देखभाल की आवश्यकता नहीं होती।

वाइल्ड जैस्मिन अपनी स्वाभाविक सुंदरता और सरलता के लिए जानी जाती है। यह प्रजाति अपने प्राकृतिक आवास में विशेष रूप से फलती-फूलती है और इसे जंगली बागवानी के लिए उपयुक्त माना जाता है।

14. विंटर जैस्मिन (Winter Jasmine):

विंटर जैस्मिन, जिसे Jasminum nudiflorum के वैज्ञानिक नाम से जाना जाता है, एक खास प्रकार की जैस्मिन प्रजाति है जो मुख्य रूप से सर्दियों के मौसम में खिलती है। यह अपने ब्राइट पीले फूलों के लिए जानी जाती है और सर्दियों के दौरान अपनी आकर्षक उपस्थिति के कारण लोकप्रिय है।

विंटर जैस्मिन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  1. फूल: इसके फूल पीले रंग के होते हैं और सर्दी के मौसम में खिलते हैं, जो इसे अन्य जैस्मिन प्रजातियों से अलग बनाते हैं।
  2. पत्ते: विंटर जैस्मिन के पत्ते हल्के हरे रंग के होते हैं, और इसमें सर्दियों में पत्ते कम होते हैं या बिल्कुल नहीं होते।
  3. वृद्धि: यह एक बेल के रूप में बढ़ती है और इसे सहारा देने पर यह तेजी से बढ़ती है।
  4. उपयोग: इसका उपयोग बगीचों में सर्दियों के फूलों के लिए किया जाता है, और यह दीवारों और बाड़ों पर चढ़ाने के लिए उपयुक्त है।
  5. खेती: यह अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी और पूर्ण या आंशिक धूप में अच्छी तरह से उगती है।

विंटर जैस्मिन की खासियत इसके पीले फूल हैं जो सर्दियों के मौसम में खिलते हैं, और इसकी वृद्धि और फूलों की विशेषताएं इसे एक लोकप्रिय सर्दियों के बागवानी पौधे के रूप में बनाती हैं।

यहां चमेली के फूलों की विभिन्न किस्मों के बारे में और उसे लगाने का सही समय शामिल  दिया गया है:

नाम इंग्लिश नाम लगाने का सही समय
कॉमन जैस्मिन Common Jasmine वसंत
रॉयल जैस्मिन Royal Jasmine वसंत/शरद
अरेबियन जैस्मिन Arabian Jasmine वसंत
विंटर जैस्मिन Winter Jasmine शरद
वाइल्ड जैस्मिन Wild Jasmine वसंत
स्टिफ जैस्मिन Stiff Jasmine वसंत
प्रिमरोज जैस्मिन Primrose Jasmine वसंत
इटालियन जैस्मिन Italian Jasmine वसंत
लेमन-सेंटेड जैस्मिन Lemon-Scented Jasmine वसंत
पिंक जैस्मिन Pink Jasmine वसंत

FAQ

चमेली के फूल का रंग क्यों सफेद होता है?

चमेली के फूल का सफेद रंग प्राकृतिक चयन और आनुवंशिकी का परिणाम है। सफेद रंग कीट-परागणकों को आकर्षित करता है और रात के समय में भी दिखाई देता है, जो फूलों के परागण में सहायक होता है।

चमेली के फूलों को संरक्षित कैसे रखा जा सकता है?

चमेली के फूलों को संरक्षित करने के लिए उन्हें ताजा काट कर ठंडे पानी में रखा जा सकता है। इससे उनकी ताजगी अधिक समय तक बनी रहती है। इसके अलावा, फूलों को सूखाकर या प्रेस करके भी संरक्षित किया जा सकता है।

मुझे चमेली की गंध से नफरत क्यों है?

चमेली की गंध के प्रति नापसंदगी व्यक्तिगत संवेदनशीलता या पिछले अनुभवों के कारण हो सकती है। कुछ लोगों को तीव्र गंध से असुविधा हो सकती है।

चमेली का पौधा कब लगाया जाता है?

चमेली का पौधा आमतौर पर वसंत ऋतु में लगाया जाता है, जब मिट्टी गर्म हो और ठंड का खतरा खत्म हो जाए।

चमेली के फूल किसका प्रतीक हैं?

चमेली के फूल प्रेम, सुंदरता, और मादकता के प्रतीक माने जाते हैं। कुछ संस्कृतियों में ये आत्मीयता और सम्मान का प्रतीक भी होते हैं।

चमेली के फूल कहां से आते हैं?

चमेली के फूल मूल रूप से हिमालय के पहाड़ी क्षेत्रों और एशिया के गर्म इलाकों से आते हैं। वर्तमान में, इसे विश्वभर के उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्रों में उगाया जाता है।

चमेली के फूल कैसे खाते हैं?

चमेली के फूल आमतौर पर सीधे नहीं खाए जाते हैं। इनका उपयोग मुख्य रूप से चाय बनाने और खाने की चीजों में सुगंध जोड़ने के लिए होता है।

चमेली के फूलों की क्या उपयोगिता है?

चमेली के फूलों का उपयोग इत्र बनाने, चाय फ्लेवरिंग, सजावट, धार्मिक अनुष्ठानों, और आयुर्वेदिक उपचार में होता है।

क्या चमेली के फूल जहरीले होते हैं?

नहीं, आमतौर पर चमेली के फूल जहरीले नहीं होते हैं। हालांकि, अगर किसी को इसकी गंध या पराग से एलर्जी हो, तो उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए।

चमेली की जड़ क्या काम आती है?

चमेली की जड़ों का उपयोग अक्सर पारंपरिक चिकित्सा में दर्द निवारण और सूजन कम करने के लिए किया जाता है।

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निष्कर्ष

हमने जैस्मिन की विभिन्न प्रजातियों के बारे में विस्तार से जाना, जिसमें प्रत्येक प्रजाति की अपनी अनूठी विशेषताएं, फूलों के रंग, खिलने का समय, और विभिन्न उपयोगिताएं शामिल हैं। जैस्मिन की प्रत्येक प्रजाति न केवल अपनी सुंदरता और सुगंध के लिए जानी जाती है, बल्कि यह भी प्रतीक है कि कैसे प्रकृति विविधता में समृद्ध है। इन प्रजातियों का उपयोग सजावटी बागवानी, इत्र निर्माण, और कई पारंपरिक और सांस्कृतिक अनुष्ठानों में होता है। चाहे वह वाइल्ड जैस्मिन हो जो प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक है, या विंटर जैस्मिन जो सर्दियों के मौसम में अपनी चमक बिखेरती है, प्रत्येक जैस्मिन की अपनी एक खास पहचान होती है। यह विविधता और विशेषताएं हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाने और इसकी सुंदरता का सम्मान करने की याद दिलाती हैं।

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