Recently updated on January 11th, 2024 at 10:44 am
हिबिस्कस (Hibiscus Flower in Hindi ) को जवाकुसुम और चाइना रोस नामो से भी जाना जाता है अगर इसके साइंटिफिक नाम की बात की जाये तो इसे हिबिस्कस रोसा साइनिसिस कहा जाता है | ये परेनियम पौधा जो सालो साल खिलता है, ये फूल बहुत से रंगों में पाए जाते है | इसके फूल मालवेसी परिवार से सम्बंधित है | हिबिस्कस की बहुत सी वैरायटी पाई जाती है | जिनमे से कुछ औषधीय रूप में एवं कुछ सजावटी रूप में इस्तेमाल किये जाते है | इसकी 200 से ज्यादा प्रजाति पाई जाती है | साइंस ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर नामक जर्नल में छपी खबर के मुताबिक जल्दी ही इंसानो पर इसका परीक्षण किया जाएगा। ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के डॉक्टर कारमेने ग्रिफिथ्स ने बताया कि चीन, भारत और ताइवान में गुड़हल का फूल पाया जाता है। जिससे पारंपरिक विधि से उच्च रक्तचाप और लीवर की बीमारी का उपचार किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस फूल के अर्क में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट धमनियों में चर्बी की मात्रा को कम करने में सहायक है। आज के लेख में हम हिबिस्कस (hibiscus flower in hindi ) में इस फूल से जुड़ी तथ्यों को रखने का काम करेंगे जैसे इसकी पहचान कैसे करे , hibiscus को कैसे लगाया जाता है , इसके फायदे और नुकसान क्या है ?, hibiscus flower की देख भाल कैसे करे |
हिबिस्कस की पहचान (How to Identify hibiscus flower in hindi )
- गुड़हल का फूल देखने में काफी आकर्षित और सुंदर होता है
- गुड़हल फूल में 5 से ज्यादा पंखुड़ियां होती है |
- गुड़हल का फूल बारहमासी पौधा है |
- गुड़हल के फूल के पत्ते अंडाकार (Oval) शेप में होते हैं |
- गुड़हल के पतियों का साइज 8 से 10 सेंटीमीटर तक होता है
- गुड़हल के पौधे आकार में काफी बड़े हो सकते हैं कभी-कभी यह भी देखा गया है कि गुड़हल फूल के पौधे का साइज 15 से 20 फीट तक होता है
- गुड़हल पौधे की पत्तियां गहरे हरे रंग की होती है
- इनके फूल बड़े आकार के होते है |
- इनके फूल का साइज 4 से 5 सेंटीमीटर तक होता है |
- इनका फूल पंचकोणीय होता है
- सफ़ेद, पीला, नारंगी, गुलाबी व बैंगनी रंग में पाया जाता है|
- इस पौधे के तने का रंग लाइट ब्राउन होता है|
- इस पेड़ के तने जब बड़े आकार में होते हैं तो काफी मजबूत हो जाते हैं उनमें लचीलापन कम हो जाता है और पौधे अगर 4 से 5 फीट के हैं तो उनके तनो में लचीलापन काफी ज्यादा होता है तो उस समय इसे केयर की आवश्यकता होती है
- इनके बीज फूल के बीच में होते है |
- फूल के खिलते ही बीज अपने आप बाहर की ओर आ जाता है
गुड़हल के फूल का औषधीय उपयोग (Medicinal use of hibiscus flower in hindi )
गुड़हल फूल के बहुत से औषधीय लाभ हैं गुड़हल के फूलो में विटामिन सी मिनरल्स और साथ ही साथ फाइबर और आयरन के भी गुण पाए जाते है | गुड़हल के फूल को कई तरह से प्रयोग में लाया जाता है जैसे उनके पत्ते की चाय बनाई जाती है तथा उनके पत्ते को सुखाकर एवं पीसकर उसके चूर्ण का भी उपयोग करते हैं चलिए जानते हैं कि गुड़हल के फूल का औषधीय प्रयोग कैसे किया जाता है और किन किन कार्यो में इसे लिया जाता है
भारतीय परंपरा के अनुसार आयुर्वेद में गुड़हल के फूल का प्रयोग काफी ही महत्वपूर्ण माना गया है जैसे सफेद गुड़हल के जड़ों को पीसकर दवाइयां बनाई जाती है मेक्सिको में गुड़हल के सूखे पत्ते को उबालकर चाय बनाया गया जिसे काफी लोकप्रिय माना जाता है |
गुड़हल के पत्ते और फूलों को जो डाइटिंग कर रहे हैं या किडनी से रिलेटेड प्रॉब्लम से परेशान है वह इसके रस का प्रयोग बिना चीनी के साथ अगर करते हैं तो बहुत फायदेमंद होता है |
ताइवान के सिंह सन मेडिकल यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि गुड़हल के फूल का अर्क दिल के लिए उतना ही फायदेमंद है जितना रेड वाइन और चाय गुड़हल के फूल में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में भी काफी मददगार साबित होते हैं
नीचे मैंने कुछ और फायदे भी आपको गिनाए हैं चलिए जानते हैं उन्हें
1 एंटी एजिंग (Anti Aging) :- एंटी एजिंग को तो आप अच्छी तरह से समझ ही गए होंगे जैसे जैसे लोगों की उम्र ढलती है वैसे ही उसकी त्वचा ढीली पड़ जाती तो कहा जाता है कि गुड़हल का फूल बढ़ती उम्र को रोकने में काफी मददगार होता है। गुड़हल के फूल को सुखा कर उसे बहुत सारे एंटी एजिंग क्रीम बनाए जाते हैं जिनका प्रयोग महिलाएं अपनी त्वचा को निखार लाने में किया जाता है यह चेहरे की झुर्रियों को कम करने का काम करता है तो एंटी एजिंग के रूप में गुड़हल की पत्तियों का प्रयोग बहुत ज्यादा होता है |
2 वजन कम करने में (Weight Loos) : – गुड़हल फूल का प्रयोग वजन को कंट्रोल करने या वजन को कम करने भूख को कम करने में किया जाता है जिन लोगों का मोटापा उन्हें परेशान कर रहा है या जो लोग अपना वजन कंट्रोल में रखना चाहते हैं वह ज्यादातर गुड़हल के पतियों का चाय बनाकर पीते हैं जिससे उन्हें अच्छी एनर्जी मिलती है तथा भूख भी कम लगता है और चाय के रूप में सेवन करने से पाचन क्रिया में भी काफी सुधार आता है जिससे आदमी को भूख कम लगता है पाचन की समस्याओं में भी काफी सुधार देखा गया है और आप अगर ज्यादा खाना नहीं खाएंगे तो समय के साथ अनावश्यक चर्बी भी आपके शरीर में नहीं होगी यानी मोटापा कोलेस्ट्रॉल सभी पर आप आसानी से कंट्रोल कर पाएंगे तो मोटापा को दूर भगाना या मोटापा को कंट्रोल करने में गुड़हल के पत्ते का चाय रामबाण की तरह काम करता है |
3 उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure):- गुड़हल का फूल हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का काम करता है माना यह जाता है कि अगर हम गुड़हल की चाय का सेवन करते हैं तो उसे हृदय की गति पर काफी कंट्रोल होता है आदमी चाय पीने के बाद काफी रिलैक्स फील करता है जिससे आपके हाई ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करने में काफी मदद मिलता है तो उस तरह के पेशेंट जो हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं वह अगर गुड़हल के पत्ते की चाय पीते हैं तो उनका बीपी भी काफी कंट्रोल में रहता है |
4 सर्दी जुकाम में ( Cold Cough ) : – गुड़हल की पत्तियां सर्दी और जुकाम में भी काफी कारगर मानी गई है क्योंकि इनके पतियों में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है जो ना की सर्दी जुकाम में भी काफी कारगर सिद्ध होती है बल्कि इनकी पत्तियां वास्तव में काफी गुणकारी है और इन पत्तियों का अगर आप चाय बनाकर पीते हैं तो आपका सर्दी और जुकाम दोनों ही ठीक हो सकता है सही मात्रा में चाय का सेवन करें|
5 दाग धब्बे और मुंहासे (Blemishes and Acne):- स्किन संबंधी अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो जैसे आप के मुहासे ठीक नहीं हो रहे हैं चेहरे पर झुर्रियां आई हुई है तो जैसा कि मैंने पहले ही बताया कि इन के पत्तों में विटामिन सी की मात्रा काफी ज्यादा प्रचुर मात्रा में पाई जाती है तो इन के फूल का प्रयोग करके आप दाग धब्बे और मुंहासे से छुटकारा पा सकते हैं इसे बनाने की विधि फूल को आप उबालकर पेस्ट बना लें और उसमें शहद और मुलतानी मिट्टी मिलाकर अपने चेहरे में उबटन की तरह लगाकर 15 मिनट तक रखे उसके बाद साफ़ पानी से मुँह धो ले जिससे आप के दाग धब्बे और मुंहासे ठीक हो जाएंगे|
6 खून की कमी (Anemia) :- गुड़हल का फूल एनीमिया अर्थात खून की कमी संबंधी परेशानियों में भी काफी मददगार होता है इसके फूल में आयरन प्रचुर मात्रा में होती है अगर गुड़हल के फूल को हम पीसकर उसके रस को छानकर बस इस बात का ध्यान रखे की उसके फूल लेते समय कलियों का ही ज्यादातर प्रयोग करें और उनके फूलों को पीसकर छानकर उसे एक अच्छे साफ-सुथरे कंटेनर या ग्लास में रख ले और नियमित रूप से उसका सेवन करते रहे तो एनीमिया की परेशानी से आपको पूरी तरह से निजात मिल सकता है |
7 मासिक धर्म में (Women’s Period) :- गुड़हल के पत्ते मासिक धर्म में जो उतार-चढ़ाव होता है और जो समस्याएं रहती है उसे काफी हद तक कम करता है अगर हम इसके पत्तों का चाय पीते हैं तो हमारे शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर यह समान करके रखती है एस्ट्रोजन का स्तर सामान होने के कारण हार्मोन भी हमारे शरीर में बिगड़ते नहीं है जिसे हमारा मासिक चक्र सही तरीके से काम करता है तो गुड़हल के पत्ते मासिक धर्म में काफी उपयोगी साबित हुए हैं |
गुड़हल का फूल कौन सी बीमारी में काम आता है?
गुड़हल का फूल, जिसे हिबिस्कस के नाम से भी जाना जाता है, कई स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रसिद्ध है। इसके कुछ मुख्य स्वास्थ्य लाभ हैं:
- रक्तचाप को नियंत्रित करना: गुड़हल का फूल उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है।
- कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करना: इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हो सकते हैं।
- पाचन स्वास्थ्य में सुधार: गुड़हल का उपयोग पेट संबंधी समस्याओं में भी किया जा सकता है।
- वजन घटाने में सहायक: कुछ अध्ययनों के अनुसार, गुड़हल का फूल वजन घटाने में भी मदद कर सकता है।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण: इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं।
- त्वचा और बालों के लिए लाभकारी: गुड़हल का उपयोग त्वचा और बालों की समस्याओं के लिए भी किया जाता है।
हालांकि, गुड़हल का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए करने से पहले चिकित्सा सलाह अवश्य लें। ये जानकारी वैज्ञानिक शोध और लोक चिकित्सा के ज्ञान पर आधारित है, लेकिन यह चिकित्सा परामर्श नहीं है।
गुड़हल से होने वाले नुकसान ( Disadvantages of hibiscus flower in hindi)
गुड़हल के फूल का ऐसे तो डायरेक्ट कोई भी नुकसान नहीं है लेकिन किसी भी चीज की मात्रा को अगर आप ज्यादा यूज करते है तो यह नुकसान पहुंचाती है चलिए जानते हैं और नुकसानों के बारे में
- अगर आपको लो ब्लड प्रेशर का प्रॉब्लम है तो कोशिश करें कि इनसे जुड़े हुए जैसे की पत्तियों का चाय या फूलों का चाय का प्रयोग ना करें इससे आपका ब्लड प्रेशर अचानक से कम हो सकता है |
- अगर आप किसी भी प्रकार के गर्भ निरोधक गोलियां ले रहे हैं तो गुड़हल के चाय का प्रयोग ना करें |
- गुड़हल हमारे अनिद्रा की बीमारी को भी बढ़ाता है अगर हम इसके चाय का सेवन बहुत ज्यादा कर रहे हैं तो नींद ना आने की समस्या से आप ग्रसित हो सकते हैं इस बात का ध्यान देकर गुड़हल के चाय का प्रयोग आप ज्यादा ना करें |
- गुड़हल हार्मोन से रिलेटेड मासिक धर्म की समस्याओं को काफी हद तक कंट्रोल करता है तो कोशिश यह करें कि गर्भवती महिलाएं इसका किसी भी रूप में सेवन ना करें
- आपको अगर डायबिटीज है और गुड़हल के पतियों का जूस पीते हैं तो इस बात का हमेशा ख्याल रखें कि आप शुगर लेवल को हमेशा चेक करते रहें जिससे कभी कम शुगर होने पर भी आप इसके जूस का सेवन ना करें जिससे यह होगा कि आपका शुगर लेवल बहुत ही कम हो जाएगा
- आपको किसी भी प्रकार के मेडिकल से जुड़ी अगर समस्या है तो कोशिश करें कि अपने डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही इनका प्रयोग करें क्योंकि कोई भी चीज जितनी लाभदायक होती है उसकी सही जानकारी और सही प्रयोग अगर आपको पता ना हो तो वह आपको काफी हानि पहुंचा सकती है तो इस बात का हमेशा ख्याल रखे हैं कि आप कुछ भी अपने मन से ना करें अगर आप किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रसित है तो हमेशा अपने डॉक्टर से उचित परामर्श लेकर ही इस तरह के चीजों का प्रयोग करें
गुड़हल के पौधे को हम कटिंग से कैसे लगाए | उगाय ( How to Plants hibiscus flower in hindi)
गुड़हल के पौधे को हम कटिंग और बीज दोनों से लगा सकते हैं लेकिन सबसे अच्छा तरीका गुड़हल के पौधे को कटिंग से लगाना ही माना जाता है तो आज हम आपको कटिंग से गुड़हल के फूल को कैसे लगाएं इस लेख में बताएंगे
1 गुड़हल की कलम की कटाई कब करे
जैसा कि आपको पता है कि गुड़हल उष्णकटिबंधीय पौधा है उष्णकटिबंधीय कहने का अर्थ हो गया कि यह गर्मी में ग्रोथ अच्छा करता है यानी इसके लिए सबसे अच्छा मौसम गर्मी का माना जाता है अर्थात गुड़हल की कलम का सही समय मार्च से अक्टूबर का माना जाता है इसी के बीच में आप गुड़हल की कलम की कटाई करें |
2 गुड़हल कलम काटते समय ध्यान दे
गुड़हल कलम काटते समय इस बात का ध्यान दें की चाकू या किसी भी कैची प्रूनिंग टूल्स किसी से भी इसकी कलम की अगर आप कटाई कर रहे हैं तो कोशिश यह करें कि सबसे पहले उसे सैनिटाइज कर ले सैनिटाइज कहने से तात्पर्य यह है की आप उसकी अच्छे से सफाई कर ले |
3 गुड़हल फूल की कटिंग कैसे करे
गुड़हल के कलम की कटाई के लिए सबसे आवश्यक बातें यह है कि उसकी उसी शाखा का चुनाव करें जिसमें अभी नई नाजुक पत्तियां दिख रही हो और कोशिश करें कि कम से कम कलम 6 इंच के हिसाब से ही काटे काटते समय 45 डिग्री के एंगल पर रखकर ही कांटे |
4 गुड़हल कलम को लगाने के लिए मिट्टी
गुड़हल को कलम से लगाने के लिए चिकनी और बलुई मिट्टी ही पसंद आती है दोनों ही मिट्टी पानी को सोख लेता है जिससे मिट्टी में नमी बनी रहती है और गुड़हल के पौधे को नमी वाली मिट्टी पसंद आती है ऐसे तो आप किसी भी मिट्टी में इसे उगा सकते हैं |
5 गुड़हल कलम लगाने के लिए गमले
गुड़हल के कलम को आप ग्रो बैग या गमले में भी ऊगा सकते हैं कोशिश यह करें कि इसमें जो भी गमले लिए जा रहे हैं उसका साइज 12×12 इंच 15×12 इंच 15×15 इंच का हो अपनी सुविधा अनुसार आप ग्रुप एक का भी चयन कर सकते हैं |
गुड़हल के पौधे को कलम से लगाने के लिए सबसे पहले आप इस बात को सुनिश्चित कर लीजिये की जिस भी चीज से आप कलम को काट रहे हैं जैसे चाकू छुरी प्रूनिंग मशीन उसे सेनीटाइज कर ले कोशिश यह करें कि आप गुड़हल के पौधे के उस डाली या उस कलम का चुनाव करें जिसमें अभी नई पत्तियां दिख रही हो छोटी हो नाजुक हो उसे आप 45 डिग्री के एंगल पर रखकर काट ले और किसी भी गमले में आप गार्डन सॉइल डालकर उसमें इस कलम को आसानी से लगा लें और उसमें थोड़ा पानी डाल दें उसके बाद इसे छांव में ही रखें जब तक की कलम सही से नई पत्तियों को जन्म नहीं दे देता है या जो पत्तिया पहले से लगी है वह ठीक से खिलने ना लगे और जैसे ही लगे कि आपका गुड़हल अच्छे से ग्रो होने के लिए तैयार हो गया है तो उसे आप धूप में भी रख सकते हैं |
गुड़हल के पौधे की देखभाल कैसे करे (How to take care of hibiscus flower in hindi)
1 गुड़हल का पौधा सनलाइट वाला पेड़ है इसे आप जितना सनलाइट में रखेंगे इसमें उतने ही अच्छे फूल खिलेंगे |
2 इन सब के अलावा गुड़हल के फूल को कम्पोस्ट करने की भी आवश्यकता होती है कम्पोस्टिंग के पंद्रह दिन बाद आप इसमें लिक्विड मैनुर भी डालिए |
3 इनके पौधों के बढ़ने के समय में इसे भरपूर मात्रा में पोषण दिजिये जिससे की इनके पेड़ में सालो साल फूल खिलते रहेंगे |
4 गुड़हल के फूल को रोज पानी की जरुरत होती है |
5 गुड़हल की सही समय में प्रूनिंग भी जरुरी है अगर इसे इसके ग्रोविंग सीजन में जो की फेब्रुअरी व मार्च का समय है उसमें प्रूनिंग की जाये तो पौधे की ग्रोथ जल्दी होती है एवं इसमें पत्ते व फूल भी जल्दी आते है |
6 इसके पेड़ो में पेट्स जैसे मिली बग,एफिड्स, फ्लाईस का अटैक बहुत जल्दी होता है इसके लिए जरुरी है की आप अपने पौधे को भरपूर मात्रा में पोषण व खाद दे और अपने प्लांट को हेल्थी रखे जिससे पेट्स का अटैक नहीं होगा और समय समय में नीम आयल का भी स्प्रे करे |
7 अगर फिर भी पेड़ो में पेट्स का अटैक हो जाये तो आप 1 लीटर पानी में दो चम्मच लिक्विड डिटर्जेंट डालकर शाम में स्प्रे कर दे जिससे सुबह तक
पेट्स हट जायेंगे उसके बाद आप पौधे को साफ़ पानी से धो दे |
8 गुड़हल के पौधे सर्दियों में बढ़ना बंद हो जाते है इसे सर्दियों में धुप वाली जगह में रखना चाहिए या ऐसे जगह में लगाना चाहिए जहा धुप आती हो जिससे ये सर्दियों में मुरझाएंगे नहीं गुड़हल के फूल को ऐसी मिट्टी में लगाये जो पानी ज्यादा सोखता हो क्युकी यह पौधा ज्यादा नमी में रहना पसंद नहीं करता है |
9 गुड़हल के पौधे के लिए आप इसकी मिट्टी में रेत भी मिला सकते है जिससे गमले में पानी रुकेगा नहीं और पौधा भी स्वस्थ रहेगा इसके पौधे में ऐसी खाद का इस्तेमाल करे जिसमे पोटेशियम और फास्फोरस की मात्रा ज्यादा हो |
गुड़हल की प्रजातियों
गुड़हल, जिसे वैज्ञानिक भाषा में Hibiscus नाम से जाना जाता है, की दुनिया भर में सैकड़ों प्रजातियाँ हैं। यहाँ कुछ प्रमुख प्रजातियों का विवरण है:
- Hibiscus rosa-sinensis (चाइनीज हिबिस्कस): यह सबसे आम प्रजाति है जो अक्सर घरों में उगाई जाती है। इसके फूल विभिन्न रंगों में होते हैं जैसे लाल, पीला, सफेद, गुलाबी, और बहुरंगी।
- Hibiscus syriacus (सिरियन हिबिस्कस या रोज ऑफ़ शेरोन): यह प्रजाति अपने बड़े और रंगीन फूलों के लिए प्रसिद्ध है। इसे अक्सर बागवानी में एक सजावटी पौधे के रूप में उगाया जाता है।
- Hibiscus moscheutos (स्वैम्प हिबिस्कस या रोज मैलो): यह प्रजाति नम जलवायु में उगती है और इसके बड़े फूल इसे खास बनाते हैं।
- Hibiscus sabdariffa (रोसेले या सूडानी हिबिस्कस): इस प्रजाति का उपयोग खाने और चाय में किया जाता है। इसके फूलों के कलियाँ और पत्तियाँ खाने योग्य होती हैं।
- Hibiscus trionum (फ्लावर-ऑफ-एन-आवर या वेनिस मैलो): यह छोटी और अधिक नाजुक प्रजाति है, जिसके फूल सुबह खिलते हैं और दोपहर तक मुरझा जाते हैं।
- Hibiscus mutabilis (कॉन्फेडरेट रोज): इस प्रजाति की खासियत यह है कि इसके फूल रंग बदलते हैं। ये फूल सुबह सफेद होते हैं और शाम तक गुलाबी या लाल हो जाते हैं।
गुड़हल की प्रजातियाँ न केवल अपने आकार, रंग और खिलने के समय में विविधता प्रदर्शित करती हैं, बल्कि उनके उपयोग और औषधीय गुणों में भी भिन्नता होती है। इनका उपयोग सजावटी पौधे, खाद्य पदार्थों, चाय, और औषधियों में किया जाता है। हर प्रजाति की अपनी विशेषता होती है और उन्हें उनकी विशेष आवश्यकताओं के अनुसार उगाया और देखभाल किया जाता है।
गुड़हल का वास्तु शास्त्र में क्या महत्त्व है
वास्तु शास्त्र में गुड़हल के फूल का भी काफी महत्त्व है इसे घर में लगाने से पाजिटिविटी आती है सूर्य देव को जल चढाते समय इसके फूल को जल में डालकर जरुर चढ़ाये इससे आरोग्य की प्राप्ति होती है तथा सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए आप इसे घर के पूर्व या उत्तर दिशा में रख सकते है |
FAQ
गुड़हल का पौधा कहाँ लगाना चाहिए?
वास्तु शास्त्र में गुड़हल के फूल का भी काफी महत्त्व है इसे घर में लगाने से पाजिटिविटी आती है सूर्य देव को जल चढाते समय इसके फूल को जल में डालकर जरुर चढ़ाये इससे आरोग्य की प्राप्ति होती है तथा सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए आप इसे घर के पूर्व या उत्तर दिशा में रख सकते है |
गुड़हल की कटिंग कब लगाई जाती है?
जैसा कि आपको पता है कि गुड़हल उष्णकटिबंधीय पौधा है उष्णकटिबंधीय कहने का अर्थ हो गया कि यह गर्मी में ग्रोथ अच्छा करता है यानी इसके लिए सबसे अच्छा मौसम गर्मी का माना जाता है अर्थात गुड़हल की कलम का सही समय मार्च से अक्टूबर का माना जाता है इसी के बीच में आप गुड़हल की कलम की कटाई करें
गुड़हल के पौधे में फूल कब आते हैं?
गुड़हल के पौधे में १२ मंथ फूल आते रहते है पर ठण्ड में ज्यादा फूल आते है पर इसे लगाने का समय गर्मी है मार्च से अक्टूबर में लगाए |
गुड़हल का दूसरा नाम क्या है?
हिबिस्कस (Hibiscus Flower in Hindi ) को जवाकुसुम और चाइना रोस नामो से भी जाना जाता है अगर इसके साइंटिफिक नाम की बात की जाये तो इसे हिबिस्कस रोसा साइनिसिस कहा जाता है
गुड़हल के फूल में कौन सा खाद डालें?
गुड़हल के पौधे में आर्गेनिक खाद डालने से ग्रोथ अच्छा होता है इन सब के अलावा गुड़हल के फूल को कम्पोस्ट करने की भी आवश्यकता होती है कम्पोस्टिंग के पंद्रह दिन बाद आप इसमें लिक्विड मैनुर भी डालिए |इनके पौधों के बढ़ने के समय में इसे भरपूर मात्रा में पोषण दिजिये जिससे की इनके पेड़ में सालो साल फूल खिलते रहेंगे |
घर में गुड़हल का पेड़ लगाने से क्या होता है?
वास्तु शास्त्र में गुड़हल के फूल का भी काफी महत्त्व है इसे घर में लगाने से पाजिटिविटी आती है सूर्य देव को जल चढाते समय इसके फूल को जल में डालकर जरुर चढ़ाये इससे आरोग्य की प्राप्ति होती है तथा सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए आप इसे घर के पूर्व या उत्तर दिशा में रख सकते है |
आज के इस लेख में मैंने आपको गुड़हल से जुडी जैसे इसके फायदे इसके नुकसना इसे कैसे लगते है इसे हम कैसे पहचाने वास्तु में इसके महत्त्व साथ ही साथ इसका केयर कैसे करे समझाने का प्रयास किया हु अगर लेख अच्छा लगा हो कॉमेंट कर बताये तहे दिल से धन्यबाद |
सन्दर्भ
गुड़हल का फूल घटाएगा कोलेस्ट्रॉल